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प्रेमम : एक रहस्य! (भाग : 32)





अनि बहुत ही तेज गति से बाइक चला रहा था, क्रेकर अभी मैनुअल मोड में था जिस कारण वह किसी आम बाइक से ज्यादा नजर नहीं आ रहा था मगर उसकी एक हद तक खुद से सोच समझकर जवाब देने की क्षमता बाकी सबसे खास बना रही थी। थोड़ी ही देर में कैम्पटी फॉल नजर आने लगा, वहां सैलानियों के नाम पर दूर दूर तक कोई भी नजर नहीं आ रहा था। शाम होने को थी, ऊपर से गिर रही जलराशि से छनकर निकलने वाली किरने इंद्रधनुषी हो जा रही थी। यह दृश्य आँखों को बेहद सुख पहुँचाने वाला था। मगर फिलहाल अनि का आंख सेकने में कोई इंटरेस्ट नहीं था इसलिए उसने
बाइक की दिशा बदल दी, अब वह फाल्स के ऊपर फैली घनी पहाड़ी की ओर बढ़ता हुआ नजर आ रहा था।

अनि तेजी से जंगल में प्रवेश करता जा रहा था। शाम और पास में इतना बड़ा जल प्रपात होने के कारण वातावरण में शीतलता बढ़ती जा रहीं थी। हमेशा बकबक करते रहने वाला अनि आज थोड़ा शांत था, या शायद ये किसी का भ्रम था क्योंकि आज कभी चुप नहीं रह सकता था। एजेंट शॉ की दी गयी जानकारियों ने उसके दिमाग को हिलाकर रख दिया था, धीरे धीरे अंधेरा घिरने लगा था मगर अनि ने हेडलाइट्स ऑन नहीं किया। वह बड़ी सूझबूझ से उस पथरीली जमीन पर आगे बढ़ता जा रहा था।

'हेलो! मैं कौन? अरे हां मैं हूँ आपका प्यारा दुलारा हनी बनी अनि! अरे इतना सीरियस काहे हो रहे हो? माना कि इतना सब कांड हो गया मगर इसपे एकता कपूर के सीरियल वाला रिएक्शन काहे दे रहे हो बे? ढंग की बात तो आती नहीं!

देखो वैसे तो मैं प्रकृति का बहुत बड़ा प्रेमी हूँ! वैसे भी तुम क्या ही कर लोगे जानकर, जाओ प्रकृति के भैया को बता दो कि मैं उसकी बहन को बहुत प्यार करता हूँ। हमेशा उल्टा समझते हो, बड़े बदतमीज़ हो गए हो यार आप!

मैं नेचर वाली प्रकृति की बात कर रहा यार! मैं समझा भी किसे रहा हूँ। हाँ तो पूरा किस्सा यूँ समझ लो कि कोई खाली स्थान नामक दैत्य पुरुष हैं जिन्हें एक खतरनाक किताब मिली जो कौन से भाषा में लिखी गयी है ये तो समझ नहीं आया पर जो भी भाषा है गुरु दिमाग का धतूरा कर गयी। हाँ तो काली भेड़िया जी की कृपा से हमें यह दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ कि उस किताब ने खाली स्थान भैया के दिमाग में गोबर भर दिया, जिसे लेकर वो कुछ तूफानी करने निकल पड़े, साथ में उनके कुछ लंगोटिया यार भी थे जी चेहरे पर लंगोट बांधने के शौकीन थे। उन्होंने करा एक भयंकर कांड यानी मासूम बच्चों का किडनैप, जिसे देहरादून की पुलिस ने रोकने की और पता लगाने की कोशिश तो की मगर उनका रिजल्ट भी वही आया जो हिंदी के पेपर में "आज ब्लू है पानी पानी" लिखकर आने पर आता है। तो इसके लिए तेरा मेरा लाल इश्क़, मलाल इश्क़ वाले बर्बादी भैया को बुलाया गया और वो कर दिया सबकुछ बर्बाद!

खाली स्थान भैया अपने खाली खोपड़े का प्रयोग करते रहे तभी SW (सीक्रेट वॉरियर्स) को कुछ पता लगा और हमका भेज दिया गया इधर! अब हम दोनों के आने से खाली स्थान भैया का गेम बदल गया, इसलिए उन्होंने गेम प्लान भी बदल दिया और रिजल्ट में बर्बादी भैया आउट हो गए, और आउट ऑफ कंट्रोल भी। हम अपनी जिम्मेदारी अपने पप्पा के मत्थे रख आये, जो कि फिलहाल सुरक्षित है।

अरे तो यही पूछना है कि जब ये सब हो रहा है और मुझे जल्दी से सबकुछ ठीक करना चाहिए तो मैं यहां क्या कर रहा हूँ? तो सुनो! मुझे शुरू से शक था कि कनपटी गिरा (कैम्पटी फाल्स) में कुछ तो गिरी हुई हरकत या गिरा हुआ काम हो रहा है, मैंने जायजा भी लिया मगर पियूषा के साथ होने के कारण ठीक से नहीं कर पाया। फिर मैं जवालाजी मंदिर भी गया, और मुझे पक्का वाला यकीन है कि सारा बखेड़ा यही का शुरू किया गया है। अब मुझे उस किताब के आखिरी के कुछ पन्ने हासिल करने हैं और जानना है कि आखिर इस काले जंगल में पूर्ण प्रवेश के लिए किसकी बलि चढ़ाया जा रहा है। जानता हूँ ये मुद्दा बहुत सीरियस है मगर.. सच कहूं तो मैं अंदर से रोता भी रहूं टैब भी हँसता हूँ क्योंकि यही अनि है, यही मैं हूँ।'

अब तक अनि जंगल के काफी भीतर प्रवेश कर चुका था, दूर दूर तक सन्नाटा पसरा हुआ था, क्रेकर से भी कोई आवाज नहीं आ रही थी। सामने ढलान थी, अनि क्रेकर का ऑटो मोड ऑन कर, उसे यही रुकने का कमांड देकर धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा। अनि के हाथों में पेंसिल टॉर्च था, वह बड़ी सावधानी से आगे बढ़ रहा था। अनेकों ऊँचे घने वृक्षों की जाल से गुजरता हुआ अनि एक विशाल चट्टान के पास आ ठहरा। सामने एक  बहुत गहरी संकरी  खाई थी, जिसमें पानी बह रहा था। अनि बड़े गौर से उस स्थान का निरीक्षण करने लगा। वह खाई के बराबर चलते हुए ऊँचाई की ओर बढ़ने लगा, थोड़ी दूर जाकर वह खाई लगभग खत्म हो गयी। अनि अब पहाड़ी के शीर्ष पर था, जिसके दोनों ओर ढलान था, एक ओर से वह चलकर आया था, दूसरी ओर दूर दूर तक ढलान नजर आ रहा था। वहां से बेनोग पर्वत बहुत आसानी से देखा जा सकता था।

"यानी मेरा शक सही था!" अनि धीरे से फुसफुसाया। वह तेजी से स्लाइड करता हुआ दूसरी ओर उतरता चला जा रहा था। वहां से काफी दूर हल्का सा ऊजाला दिखा,
"इतने घने जंगल में लाइट?" अनि का माथा ठनका, वह बेहद सावधानी से आगे बढ़ता चला गया।

अब अनि उस स्थान से थोड़ा सा दूर था, वहां एक छोटा सा लैंप जल रहा था। वह स्थान ऐसा लग रहा था जैसे एकदम से नया-नया बनाया हुआ हो। आसपास की कुछ डालो को काटकर पत्तियों की सहयोग से एक शानदार झोपड़ी बनी हुई थी। झोपड़ी के बाहर वह लैंप इस प्रकार रखा गया था मानो उसका प्रयोग किसी चारे की तरह किया जा रहा हो। यह सब देखकर अनि का शक अब सम्भावना में बदल चुका था वह चुपके चुपके आगे बढ़ते हुए उस झोपड़ी के पास पहुँच गया। तभी वहां उसे एक शख्स आता हुआ नजर आया, हल्के प्रकाश में उसके काले लिबास को देखा जा सकता था, उसने अपने चेहरे पर नकाब ओढ़ रखा था। अनि ने उसे देखते ही अपनी गन निकाल ली और उसके पीछे से उसकी गर्दन दबोचते हुए कनपटी पर बन्दूक लगा दिया।

"अब जो भी पूछूँगा सच सच बोलना!" अनि गुस्से से भन्नाए हुए स्वर में बोला। मगर प्रतिक्रिया उसके उम्मीद के ठीक विपरीत हुई, उस नकाबपोश ने सिर को सीधा करते हुए पैर के अंगूठे पर जोर देकर सीधा उठती चली गयी, वार जोरदार था तो उसका असर भी जोरदार निकला, अनि का जबड़ा बुरी तरह हिल गया, मुँह से खून निकल आया, उसकी पकड़ ढीली हो गयी, वह नकाबपोश तेजी से घुमा।

"किसी लड़की को बिना उसकी इजाजत हाथ नहीं लगाते.. ते! अ...अनि त..तुम यहाँ कैसे?" बोलते बोलते अचानक अनि को देखते ही वह नकाबपोश जो कि एक लड़की थी, बुरी तरह हकलाई, उसने अपना काला नकाब हटा दिया, मगर उसके चेहरे पर अब भी एक श्वेत नकाब था जिसपे काले भेड़िया का लोगो बना हुआ था।

"त..तुम यहाँ कैसे?" अपना खून साफ करते हुए अनि ने पूछा। "और तुम कौन हो? मेरा नाम कैसे जानती हो?"

"कोडनेम अनि! इट्स कोडनेम शॉ!" उस लड़की ने सख्त लहजे में जवाब दिया।

"बनो मत! मेरे चेहरे पर मेरा कोडनेम नहीं छपा है। मैं जानता हूँ कि इस नकाब के पीछे का इंसान भी मुझे बहुत अच्छे से जानता है। मैं सबके सामने ऐसा बिहैव करता हूँ ताकि कोई इस चेहरे को न पहचाने, और मैंने तुम्हारी आंखों में वो डर देखा, जैसे लगा तुम मुझे पहले से जानती हो।" अनि ने दृढ़ स्वर में कहा।

"बेकार की बातें ना करो सुप्रीम ईगल! ये बताओ तुम यहाँ कैसे?" एजेंट शॉ ने बात बदलने की गरज से कहा।

"कमाल है! खुद ही तो बोली थी जाकर काले जंगल और उस किताब के बारे में पता लगाऊं! समझ नहीं आता तुम मेरे से पहले यहां कैसे आ गयी?" अनि ने बड़ी हैरानी से कहा।

"तुम बहुत घूमकर आये हो ईगल! यहां से शॉर्टकट भी है, और रही बात यहां रहने की तो यहां मैं लगभग दो दिन से रह रही हूँ क्योंकि मुझे इनपर निगरानी रखने का काम दिया गया है, तभी जाकर वो सारी जानकारी जुटा पाई हूँ!" एजेंट शॉ ने कहा।

"यानी तुम काले जंगल में भी गयी हुई हो?" अनि ने पूछा।

"हां! मगर कोई फायदा नहीं, एक निश्चित दायरे के भीतर नहीं जाया जा सकता। इसलिए अंदर से कोई जानकारी हासिल कर सकोगे ये भूल जाओ।" एजेंट शॉ ने कहते हुए उसे नाईट टेलीस्कोप थमा दिया।

"ओह्ह! तो इसलिए इतने सारे बम बारूद मंगाए थे ब्लैंक ने।" अनि ने जो भी देखा, उसे देखकर उसकी आँखें फटी की फटी रह गयी। वहां चारों तरफ बारूद बिछा हुआ था, एक छोटी सी चिंगारी भी पूरे जंगल को खाक कर देने के लिए बहुत थी।

"वहीं से उस काले जंगल की सीमा आरम्भ होती है, यूँ समझ लो यह यहां से बेनोग पर्वत की जड़ तक एक वृत्ताकार क्षेत्र है।"

"और अंदर जाने पर जो मोड़ नजर आता है वह भी वृत्ताकार है!" अनि की आँखे चमकने लगी।

"हाँ! पर इससे मतलब?" एजेंट शॉ ने हैरानी से पूछा।

"शायद तुमने उस चिन्ह पर गौर नही किया काली भेड़िया! मगर अब मुझे लगता है कि वो चिन्ह शायद इसी जगह का है!" अनि ने कुछ सोंचते हुए बताया।

"मगर इससे फायदा क्या होगा?" एजेंट शॉ थोड़ी सी उलझी हुई थी।

"तुम्हें क्या लगता है तुम यहाँ हो और ब्लैंक को अब तक तुम्हारे बारे में पता नहीं चला होगा?" अनि ने शॉ की आँखों में आँखे डालकर पूछा।

"मैं तुम्हारी तरह नाच गाना नहीं करती जो किसी को कुछ पता चले ईगल! मैं एक सीक्रेट एजेंट हूँ और जानती हूँ सीक्रेट एजेंट का दायरा क्या है और मैं उसी के दायरे में रहकर काम करती हूँ।" एजेंट शॉ ने तल्ख लहजे में कहा।

"मुझे तुम्हारें इसी चीज से तो ऐतराज है। हम जानते है की खाली स्थान भैया आपके यहां होने के बारे में जान चुके हैं माना कि आपने लाख सावधानियां बरती मगर वो खाली स्थान भैया हैं और उन्होंने तुम्हें किसी खास काम के लिए चुना हुआ है!" अनि ने अपने खोपड़ी पर जोर देते हुए कहा।

"वो किसलिए?" एजेंट शॉ ने हैरानी से पूछा।

"शायद बलि के लिए!" अनि धीमे से मुस्काया।

"बकवास बन्द करो!" इतना सुनते ही शॉ गुस्से से चीखी। "मुझे चीफ से तुम्हारी शिकायत करनी है।"

"और तुमने मेरा प्यारा सा जबड़ा तोड़ दिया उसका क्या?"

"तुमने लगाया था मेरी कनपटी पे बंदूक!" एजेंट शॉ ने कहा, अनि हल्के से मुस्कुराते रहा, वह सकपकाकर शांत हो गयी। अनि वहां महावृत चिन्ह बनाने लगा।

"ये देखो! इसमें से दो चरण पूरे हो चुके हैं यानी दो गोले तक तो जा सकते हैं लेकिन फिर आता है ये सितारा, इसके पांच कोनो को ध्यान से देखो, ये दोनों वृतों के ऊपर बना हुआ है, यानी इसके लिए किसी ऐसे इंसान की बलि देनी आवश्यक होगी जो काम से कम पांच दिनों तक स्वतंत्रता से, अपने मन से इस स्थान पर या इसके आसपास रहे और यह उन दोनों वृतों से ऊपर है इसका अर्थ है कि वह उस दल का भी नहीं होना चाहिए जिसने इस क्षेत्र के अन्य दो चरण को पूर्ण किया है। और ऐसा यहां सिर्फ तुम हो, आज तुम्हारा पांचवा दिन है, अब तुम्हें चुन लिया गया होगा। मुझे पक्का यकीन है खाली स्थान भैया कुछ तो खुराफात करेंगे ही।" अनि ने अपने एक एक शब्द पर जोर देते हुए उस चिन्ह के माध्यम से समझाया।

"मुझे मौत से डर नहीं लगता ईगल! मगर मैं दुनिया के विनाश की कुंजी नहीं बनना चाहती।" एजेंट शॉ के चेहरे का रंग भक्क से उड़ चुका था।

"हम इतनी आसानी से हार नहीं मानेंगे एजेंट शॉ!" अनि ने कहा, तभी उसे हल्की सी आहट महसूस हुई, दोनों ही उस झोपड़ी से सटकर एक ओर ओर गए। एजेंट शॉ तुरंत लैंप बुझा दिया। "तैयार हो जाओ!" अनि ने एजेंट शॉ के कान में फुसफुसाते हुए कहा।

अब तक झोपड़ी के पास दस-पन्द्रह की संख्या में हथियार नकाबपोश आ चुके थे, एजेंट शॉ फटी आंखों से कभी उनकी ओर तो कभी अनि को देख रही थी।

क्रमशः….


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Isme again Ani ki comedy pdhkr khub hansi aayi. Kehna pdega ani smjhdar hai bahut 😂 Agent sa aur ani ki is jungle me mulakat mst thi bdi😂🙏 interesting mod pr akr bhag ka ant hua ... Dekhte hai aage kya hoga....

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